Wednesday 7 December 2016

सिर के बाल मुँडवाने की फ़ज़ीलत
हज़रत मीर अब्दुल वाहिद बिलगिरामी रहमतुल्लाह अलैह अपनी मशहूर किताब ‘सबआ सनाबिल’ में बालों को मुँडवाने (कटवाकर साफ़ कराने) की फ़जीलत बयान करते हुए लिखते हैं कि-
‘‘खु़लाफ़ाए राशिदीन और दूसरे तमाम सिहाबा सिर मुँडाते रहे हैं ऐसे ही तमाम अइम्मा। लिहाज़ा इमाम आज़म अबू हनीफ़ाؒ, इमाम शाफ़ईؒ, इमाम मालिकؒ और इमाम अहमद बिन हम्बल ؒ और तमाम तबक़ात के मशाइख़ के सिर मुँडे हुए थे तो उनकी सीरत की पैरवी करना ही बेहतर और अच्छा है। हदीस शरीफ़़ मे है कि सिर मुँडाने वाले शख़्स को मौत की कड़वाहट, क़ब्र का अज़ाब और क़यामत का डर नहीं होगा। ऐसे शख़्स को अंबिया -ए-किरामےके साथ क़ब्र से उठाया जायेगा और रसूलों के पास जगह दी जायेगी और उसके सिर से जितने बाल जुदा होंगे तो हर बाल के बदले एक फ़रिश्ता पैदा किया जायेगा जो क़यामत तक उस शख़्स के लिये असतग़फ़ार करता रहेगा।

No comments:

Post a Comment

#Entertainment

Entertainment Entertainment is a form of activity that holds the attention and interest of an audience or gives pleasure and delight. It ...