अल्लाह
- उसकी सिफ़ात उसकी ज़ात से अलग नहीं हो सकतीं ।
- जिस तरह उसकी ज़ात हमेशा से है और हमेशा रहने वाली है उसी तरह उसकी सिफ़ात हमेशा से हैं और हमेशा रहने वाली हैं।
- उसकी सिफ़ात न तो मख़लूक़ हैं और न ही बदलती हैं।
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