मुसलमान होने के नाते हमें सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि अल्लाह तआला के बारे में हमारा अक़ीदा क्या होना चाहिए । मुसलमान वह है जो अल्लाह तआला को माने उसकी इबादत करे, उसके हुक्म को माने और उसके मुताबिक़ अपनी ज़िन्दगी को ढाले। इस सोच या अक़ीदे कोतौहीद कहते हैं। यह तसव्वुर एक बुनियादी हैसियत रखता है और जब तक तौहीद का अक़ीदा इंसान की रग-रग में अच्छी तरह बस नहीं जाता उसका ईमान कामिल (पक्का) नहीं होता। तौहीद का मतलब है कि
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