Friday 9 December 2016

नबी-ए-करीम گ के इरशाद के मुताबिक़
“अल्लाह तआला ने ज़मीन को इतवार और पीर के दिन, पहाड़ों को और उसमें छिपे हुए ख़ज़ानों और मादनयात (खनिज) को मंगल के दिन पैदा फ़रमाया और पेड़-पौधे, शहर, आबादियाँ, वीरान जगहें बुध के दिन पैदा कीं, जुमेरात को आसमान को पैदा फ़रमाया और जुमे के दिन सूरज,चाँद, सितारे और फ़रिश्तों को पैदा फ़रमाया और जुमे की बची हुई बाक़ी तीन घड़ियों में से पहली घड़ी में लोगों की उमरें और दूसरी घड़ी में आफ़तों और मुसीबतों को पैदा फ़रमाया। तीसरी और आख़िरी घड़ी में आदम ے को पैदा फ़रमाया उनको जन्नत में रिहाइश अता की और फिर फ़रिश्तों को सजदे का हुक्म दिया सब फ़रिश्तों ने सजदा किया लेकिन इब्लीस जो जिन्नों में से था मगर फ़रिश्तों का मुअल्लिम था उसने सजदे से इन्कार किया और उसे इस वजह से उसे जन्नत से निकाल दिया। यह सब जुमे की आख़री घड़ी तक हुआ।”  
ज़मीन और आसमान को बनाने के बारे में बहुत सी आयात बयान की गई हैं लेकिन अब हम इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अपने असली मकसद की तरफ़ आते हैं जिसकी वजह से यह तमाम कायनात बनाई गई।

No comments:

Post a Comment

#Entertainment

Entertainment Entertainment is a form of activity that holds the attention and interest of an audience or gives pleasure and delight. It ...