कायनात को अल्लाह तआला ने कितने दिन में बनाया?
क़ुरआन पाक में अल्लाह तआला इरशाद फ़रमाता है कि-
“फ़रमाइये क्या यक़ीनन तुम ज़रूर कुफ़्र करते हो उस (अल्लाह) के साथ जिसने दो दिन में ज़मीन बनाई और तुम उसके लिये शरीक ठहराते हो, यह है अज़मत वाला परवरदिगार सारे जहानों का। और ज़मीन में उसके ऊपर से भारी पहाड़ों को गाड़ दिया और उसमें (बहुत) बरकत फ़रमाई और एक अंदाज़े पर रख दीं उसमें उस (के रहने वालों) की ग़िज़ाएं चार दिन में, जो बराबर हैं तलब करने वालों के लिये। फिर क़स्द (इरादा) फ़रमाया आसमान की तरफ़ और वह धुँआ था तो उसको और ज़मीन को फ़रमाया कि दोनों हाज़िर हो जाओ ख़ुशी से या नाख़ुशी से, दोनों ने कहा हम हाज़िर हुए ख़ुशी से। तो उन्हें पूरे सात आसमान बना दिया दो दिन में और हर आसमान में उसी आसमान से मुताल्लिक़ कामों का हुक्म भेजा और हमने दुनिया के आसमान को तारों से मुज़य्यन फ़रमाया (यानि सजा दिया) और उसे महफ़ूज़ कर दिया यह अन्दाज़ा मुक़र्रर किया हुआ है बड़े ज़बरदस्त बड़े इल्म वाले का।”
(सूरह हाम मीम सजदा, आयत- 9-12)
यानि इस आयत में अल्लाह तआला फ़रमा रहा है कि तुम उस ख़ुदा से कुफ़्र करते हो यानि उस ख़ुदा को नहीं मानते जिस ने ज़मीन को दो दिन में पैदा किया, उसके लिये शरीक ठहराते हो जो दोनो आलम का रब है । इससे यह भी मालूम हुआ कि पहले ज़मीन को बनाया और फिर आसमानों को बनाया।
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