अल्लाह तआला ने दुनिया में बहुत से नबी और रसूल भेजे। जिन्होंने अपनी क़ौम को इबादत की तरफ बुलाया और एक अल्लाह की इबादत करने को कहा। कुछ लोग उन पर ईमान लाये और उनकी बताई हुई बातों पर अमल किया और अल्लाह के शुक्र गुज़ार बन्दों में शामिल हुए। अल्लाह ने उनको अपने वादे के मुताबिक़ दुनिया और आख़िरत दोनों की नेअमतें अता कीं। लेकिन कुछ लोगों ने अपने नबियों को झुठलाया और अपनी सरकाशी पर डटे रहे ,बुतपरस्ती करते रहे। तो उनको दर्दनाक अज़ाब ने आ घेरा। जिसमे क़ौम-ए-नूह, क़ौम-ए-आद और क़ौम-ए-समूद वग़ैरा का ज़िक्र क़ुरआन पाक में किया गया है। इन्शाल्लाह आगे हम नबियों, उनकी क़ौमों और उनके ज़माने के हालात का बयान करेंगे।
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