वाज़ और ख़िताबत की शुरुआत
सबसे पहले वाज़ और ख़िताबत की शुरुआत भी आपने ही की। जब हज़रत आदमے इस दुनिया से रुख़्सत हुऐ तो आपने अपनी क़ौम को जमा किया और उनके सामने वाज़ किया जिसमे आपने अल्लाह तआला की फ़रमांबरदारी और शैतान की नाफ़रमानी का हुक्म दिया और क़ाबील की औलाद से न मिलने की नसीहत की। इस तरह आपने बक़ायदा वाज़ करने की बुनियाद डाली।
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