खाने के आदाब
- खाने से पहले और बाद में गट्टों तक हाथ धोना चाहिए।
- बिस्मिल्लाह (بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ) से खाना शुरू करें, अगर बिस्मिल्लाह न पढ़ी जाए तो शैतान शरीक हो जाता है।
- खाने से पहले ये दुआ पढ़ ली जाये तो बीमारियों से बचा रहेगा और अगर खाने में ज़हर भी होगा तो इंशा अल्लाह असर नहीं करेगा-
بِسْمِ اللّٰہِ الَّذِیْ لَایَضُرُّ مَعَ اسْمِہِ شَیْءٌ فِی الْاَرْضِ وَلَا فِی السَّمَآءِ یَاحَیُّ يَاقَیُّوْمُ
(अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जिसके नाम की बरकत से ज़मीन और आसमान की कोई चीज़ नुक़सान नहीं पहुंचा सकती। ऐ हमेशा से ज़िंदा व क़ायम रहने वाले।)
- बैठ कर, जूता उतार कर खाना खायें और बायाँ पैर बिछा दें और दाहिना पैर खड़ा रखें या सुरीन (कूल्हों) पर बैठें या दोनों पैर खड़े रखें।
- खड़े होकर न खायें।
- दस्तरख़्वान बिछा लेना चाहिए।
- दाहिने हाथ से तीन उंगलियों से खाना चाहिए बायें से न खायें क्योंकि शैतान बायें से खाता है।
- तकिया लगा कर या नंगे सर खाना आदाब के ख़िलाफ़ है, बायें हाथ पर टेक लगा कर खाना भी मकरूह है।
- खाना एक ही तरह का है तो अपनी तरफ़ से खाए इधर उधर हाथ न मारें।
- खाने के बाद बरतन और उंगलियों को चाट लेना सुन्नत है।
- खाना खाने के बाद अल्लाह का शुक्र करे और दुआ करें-
اَلْحَمْدُ لِلّٰہِ الَّذِیْ اَطْعَمَنَا وَسَقَانَا وَجَعَلَنَا مُسْلِمِیْنَ
(अल्लाह तआला का शुक्र है जिसने हमें खिलाया पिलाया और हमें मुसलमान बनाया)
- खाने के बाद हाथ धोयें और गीले हाथ को मुँह सिर व कलाइयों तक हाथ का मसा कर लें यह खाने के बाद का वुज़ू है।
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