वो आये तो लगा जेसे ख़िज़ाँ में बहार है ।
इक नज़र देखने उनको मेरा दिल बेक़रार है ।।
कैसे समझाऊं मै उनको, ये ख़ुद मै समझ नहीं पाता ।
चले आओ आगिश में अब तो बागों में बहार है ।
सर. अतहर खान...✍
इक नज़र देखने उनको मेरा दिल बेक़रार है ।।
कैसे समझाऊं मै उनको, ये ख़ुद मै समझ नहीं पाता ।
चले आओ आगिश में अब तो बागों में बहार है ।
सर. अतहर खान...✍
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