70 बरस हुये आज़ाद-ए-हिन्द को,
अभी भी हमको वह हिन्दुस्ताँ नहीं मिलता ।
नहीं आती हो जिसमे से नफ़रतों की बू ,
अभी भी गुलशन में वो फूल नहीं खिलता ।।
जश्ने आज़ादी...✍
अभी भी हमको वह हिन्दुस्ताँ नहीं मिलता ।
नहीं आती हो जिसमे से नफ़रतों की बू ,
अभी भी गुलशन में वो फूल नहीं खिलता ।।
जश्ने आज़ादी...✍
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