रिश्ते तो सभी निभाते हैं कभी दोस्ती भी निभाया करो ।
ख़ुशी में तो सभी आते हैं ग़मों में भी दोस्त पर साया करो ।
इक दोस्त ही है जिससे कह सकते हो दिल की हर बात ।
मुफलिसी में हो दोस्त कभी न उसका मज़ाक़ उड़ाया करो ।।
वो दोस्त ही हैं जो हर पल साढ़े निभाते हैं ।
ऐसे दोस्तों को न नज़रों से अपनी गिराया करो ।।
डॉ. अतहर खान...✍
ख़ुशी में तो सभी आते हैं ग़मों में भी दोस्त पर साया करो ।
इक दोस्त ही है जिससे कह सकते हो दिल की हर बात ।
मुफलिसी में हो दोस्त कभी न उसका मज़ाक़ उड़ाया करो ।।
वो दोस्त ही हैं जो हर पल साढ़े निभाते हैं ।
ऐसे दोस्तों को न नज़रों से अपनी गिराया करो ।।
डॉ. अतहर खान...✍
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