हम अपनी जान के दुश्मन काे अपनी जान कहते है.
माैहबत की इसी मिटटी काे हिन्दुस्तान कहते है.
जाे यह दीवार का सुराख है साजिश का हिस्सा है.
मगर हम इसकाे अपने घर का राेशन दान कहते है.
मेरे अंदर से एक एक करके सब हाे गया रुख़सत .
मगर इक चीज़ बाकी है जिसे ईमान कहते है.
माैहबत की इसी मिटटी काे हिन्दुस्तान कहते है.
जाे यह दीवार का सुराख है साजिश का हिस्सा है.
मगर हम इसकाे अपने घर का राेशन दान कहते है.
मेरे अंदर से एक एक करके सब हाे गया रुख़सत .
मगर इक चीज़ बाकी है जिसे ईमान कहते है.
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