*मंज़र भी बेनूर थे और फिज़ाएँ भी बेरंग थी.*
*बस दोस्त याद आए और मौसम सुहाना हो गया..!!*
*लोग हँसने का मतलब तो जानते है..!!*
*पर रोने की अहेमियत नहीं समझते...!!!*
*कितने कमाल की होती है ना दोस्ती.......*
*वजन होता है...लेकिन बोझ नही होती......*
*बस दोस्त याद आए और मौसम सुहाना हो गया..!!*
*लोग हँसने का मतलब तो जानते है..!!*
*पर रोने की अहेमियत नहीं समझते...!!!*
*कितने कमाल की होती है ना दोस्ती.......*
*वजन होता है...लेकिन बोझ नही होती......*
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